भारत में कोरोना का पहला मामला जनवरी 2020 में आया था और मार्च 2020 के अंत में लॉकडाउन लगा था। इससे पहले 2019 में ही देश में युवाओं की बेरोजगारी दर 23 प्रतिशत थी।
भारत में बेतहाशा बढ़ रही बेरोजगारी हैरान करने वाली है। महामारी से पहले ही भारत युवाओं की बेरोजगारी (Youth Unemployment In India) के मामले में यमन (Yemen) और ईरान (Iran) जैसे देशों की कतार में पहुंच गया था। कोरोना ने इस स्थिति को और विकराल बना दिया है।
कौशिक बसु ने ट्विटर पर शेयर किया विश्वबैंक का आंकड़ा
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री कौशिक बसु (Economist Kaushik Basu) ने विभिन्न देशों में 2019 में युवाओं की बेरोजगारी का आंकड़ा विश्वबैंक के हवाले से ट्विटर पर साझा किया है। इस आंकड़े को देखें तो भारत युवाओं की बेरोजगारी के मामले में 2019 में ही ईरान, यमन और कांगो रिपब्लिक जैसे देशों के स्तर पर पहुंच गया था।
2019 में 23 प्रतिशत थी युवाओं की बेरोजगारी दर
आंकड़े में बताया गया है कि 2019 में भारत में युवाओं की बेरोजगारी की दर 23 प्रतिशत थी। यह सिर्फ ईरान के 25.5 प्रतिशत और यमन के 24.2 प्रतिशत से बेहतर है। कांगो रिपब्लिक (Congo Republic) में भी बेरोजगारी की दर 20 प्रतिशत से अधिक 21.6 प्रतिशत बताई गई है, लेकिन यह भारत की तुलना में बेहतर आंकड़ा है।
जनवरी 2020 में आया था कोरोना का पहला मामला
आपको बता दें कि ये आंकड़े महामारी से पहले के हैं। भारत में कोरोना का पहला मामला 27 जनवरी 2020 को केरल में सामने आया था। मामला बढ़ने पर देश में पहली बार 25 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था। इस दौरान करीब दो महीने के लिए देश में सारी व्यावसायिक गतिविधियां ठप हो गई थीं। कई व्यवसाय के बंद हो जाने से बेरोजगारी बेकाबू स्तर पर पहुंच गई थी।
कौशिक बसु के द्वारा शेयर किए गए आंकड़ों को देखें तो थाईलैंड, फिलीपींस, हांगकांग और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में युवाओं की बेरोजगारी कम है। इन देशों में युवाओं की बेरोजगारी की दर 10 प्रतिशत से कम है। थाईलैंड में यह दर सबसे कम 4.2 प्रतिशत है। चीन, सिंगापुर, आयरलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों में 2019 में युवाओं की बेरोजगारी दर 10 से 15 प्रतिशत के बीच है।
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विश्वबैंक के मुख्य अर्थशास्त्री रहे हैं कौशिक बसु
आपको बता दें कि कौशिक बसु 2012 से 2016 तक विश्वबैंक के मुख्य अर्थशास्त्री रह चुके हैं। यह आंकड़ा शेयर करते हुए बसु लिखते हैं, ‘‘दुनिया में युवाओं की बेरोजगारी। यह चौंकाने वाला है कि महामारी से पहले ही युवाओं की बेरोजगारी के मामले में भारत ऐसी स्थिति में कैसे पहुंच गया था। अगली सरकार जो भी बनाए, यह सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।’’