दिल्ली रोड स्थित राव तुलाराम स्टेडियम। संवाद
– फोटो : Rewari
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खेल विभाग द्वारा जिले के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में खोली गई खेल नर्सरियां पिछले करीब तीन साल से बंद पड़ी हैं। खिलाड़ी खेलों का अभ्यास करने के लिए खेल नर्सरियों के खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि खेल विभाग द्वारा खेल नीति के तहत प्रदेश में करीब पांच हजार खेल नर्सरी खोलने की योजना बनाई गई। बताया जा रहा है कोविड की तीसरी लहर की आशंका के चलते इस प्रस्ताव को अभी तक हरी झंडी नहीं मिल पाई है। विभाग की रिपोर्ट में सामने आया था कि अधिकतर खेल नर्सरियां बंद हो चुकी हैं, जबकि नई खेल नर्सरियों के लिए अभी तक मुख्यालय से हरी झंडी नहीं मिल पाई है। ऐसी स्थिति में माना जा रहा है कि कुछ और समय लग सकता है। तीसरी लहर की जिस तरह से आशंका जताई जा रही है उसे देखते हुए अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। संवाद
खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति का इंतजार
इसी के साथ खेल नर्सरी में खिलाड़ियों को भी अभी तक छात्रवृत्ति नहीं मिली है। खेल नर्सरी के 8 से 14 साल के खिलाड़ियों को 1500, 15 से 19 साल के खिलाड़ियों को दो हजार रुपये डाइट के लिए छात्रवृत्ति मिलती है। मगर अभी खिलाड़ियों को डाइट के लिए राशि नहीं मिली है। इससे खिलाड़ियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
लड़कों व लड़कियों की सात-सात खेल नर्सरियां स्थापित
बॉक्सिंग में कैनाल वैली स्कूल बेरलखुर्द में लड़कों की तथा नांगल पठानी स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में लड़कियों की, वॉलीबॉल में लड़कों के लिए न्यू इरा पब्लिक स्कूल कुंड तथा कृष्णा पब्लिक स्कूल कोसली में लड़कियों के लिए, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कंवाली में लड़कों की तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय झाड़ौदा में हॉकी, फुटबाल नर्सरी के लिए सैनी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रेवाड़ी में लड़कों की तथा विकास इंटरनेशनल स्कूल रोलियावास में लड़कियों की, एथलेटिक्स के लिए ततारपुर इस्तमुरार स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में लड़कों की रोझूवास स्थित सीआरएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लड़कियां तथा कबड्डी के लिए सीबीआर मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल बहाला में लड़के तथा नवज्योति सीनियर सेकेंडरी स्कूल पीथड़ावास में लड़कियों की नर्सरी खोली गई है।
खेल नर्सरी को खोलने के लिए अभी निर्देश नहीं मिले हैं। जैसे ही निर्देश मिलेंगे, खेल नर्सरियों को शुरू कर दिया जाएगा।
सुदेश कुमार, डीएसओ।
खेल विभाग द्वारा जिले के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में खोली गई खेल नर्सरियां पिछले करीब तीन साल से बंद पड़ी हैं। खिलाड़ी खेलों का अभ्यास करने के लिए खेल नर्सरियों के खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि खेल विभाग द्वारा खेल नीति के तहत प्रदेश में करीब पांच हजार खेल नर्सरी खोलने की योजना बनाई गई। बताया जा रहा है कोविड की तीसरी लहर की आशंका के चलते इस प्रस्ताव को अभी तक हरी झंडी नहीं मिल पाई है। विभाग की रिपोर्ट में सामने आया था कि अधिकतर खेल नर्सरियां बंद हो चुकी हैं, जबकि नई खेल नर्सरियों के लिए अभी तक मुख्यालय से हरी झंडी नहीं मिल पाई है। ऐसी स्थिति में माना जा रहा है कि कुछ और समय लग सकता है। तीसरी लहर की जिस तरह से आशंका जताई जा रही है उसे देखते हुए अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। संवाद
खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति का इंतजार
इसी के साथ खेल नर्सरी में खिलाड़ियों को भी अभी तक छात्रवृत्ति नहीं मिली है। खेल नर्सरी के 8 से 14 साल के खिलाड़ियों को 1500, 15 से 19 साल के खिलाड़ियों को दो हजार रुपये डाइट के लिए छात्रवृत्ति मिलती है। मगर अभी खिलाड़ियों को डाइट के लिए राशि नहीं मिली है। इससे खिलाड़ियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
लड़कों व लड़कियों की सात-सात खेल नर्सरियां स्थापित
बॉक्सिंग में कैनाल वैली स्कूल बेरलखुर्द में लड़कों की तथा नांगल पठानी स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में लड़कियों की, वॉलीबॉल में लड़कों के लिए न्यू इरा पब्लिक स्कूल कुंड तथा कृष्णा पब्लिक स्कूल कोसली में लड़कियों के लिए, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कंवाली में लड़कों की तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय झाड़ौदा में हॉकी, फुटबाल नर्सरी के लिए सैनी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रेवाड़ी में लड़कों की तथा विकास इंटरनेशनल स्कूल रोलियावास में लड़कियों की, एथलेटिक्स के लिए ततारपुर इस्तमुरार स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में लड़कों की रोझूवास स्थित सीआरएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लड़कियां तथा कबड्डी के लिए सीबीआर मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल बहाला में लड़के तथा नवज्योति सीनियर सेकेंडरी स्कूल पीथड़ावास में लड़कियों की नर्सरी खोली गई है।
खेल नर्सरी को खोलने के लिए अभी निर्देश नहीं मिले हैं। जैसे ही निर्देश मिलेंगे, खेल नर्सरियों को शुरू कर दिया जाएगा।
सुदेश कुमार, डीएसओ।