अयोध्या में रामलला का दर्शन कर बाहर आतीं मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती।
– फोटो : FAIZABAD
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अयोध्या। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती बुधवार दोपहर अयोध्या पहुंचीं। रामलला व हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन के बाद उन्होंने कहा कि लखीमपुर कांड की मजिस्ट्रेट जांच कराई जा रही है तो उस पर किसी को कुछ कहना नहीं चाहिए।
किसान आंदोलन में राजनीति की चेष्टा करना न तो किसानों के हित में है, न ही भारत के संविधान व लोकतंत्र के। एक सवाल के जवाब में कहा कि 2014 के चुनाव से लेकर 2019 व अब 2022 के चुनाव से पहले न जाने कितनी साजिश हुई।
सबसे ज्यादा असहिष्णुता की शिकार तो भाजपा हुई है, मोदी व योगी हुए हैं। हमारी छोटी से बात को तिल का ताड़ बनाकर उछाला जाता है। पूरी कोशिश हो रही है कि हिंसा हो, दंगे हों। बेकसूूर लोग मारे जाएं।
खून की नदियां बहें और इनमें कांग्रेस व सपा के नेता नाव चलाकर सत्ता के सिंहासन तक पहुंचें। पूर्व सीएम उमा ने कहा प्रियंका वाड्रा इमरजेंसी और 10 हजार सिखों को जिंदा जलाना भूल गईं।
धर्म के नाम पर भारत-पाकिस्तान का बंटवारा कराना भी भूल गईं। महात्मा गांधी की जो कृषि नीति थी कि देश कृषि आधारित आर्थिक प्रगति के रास्ते को पकड़े, उसको नेहरू जी ने पलट दिया।
कांग्रेस को कृषि, किसान, लोकतंत्र, संविधान ये शब्द बोलने का अधिकार ही नहीं है। एक सवाल के जवाब में उमा भारती ने कहा कि अयोध्या से मेरी राजनीति की शुरूआत नहीं हुई है।
मैं छह साल की उम्र से प्रवचन कर रही थी, राजनीति में आने से पहले बहुत भ्रमण हो चुका था। जब मैं अयोध्या आई तो मैं दूसरी बार सांसद बनी थी। इसलिए मेरी राजनीति अयोध्या से नहीं शुरू हुई बल्कि अयोध्या मेरे लिए आस्था का विषय रही।
रामानंद सागर के प्रसिद्ध धारावाहिक रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी के निधन पर भी उन्होंने शोक जताया। उमा भारती ने अयोध्या में दर्शन-पूजन के दौरान संतों से भी आशीर्वाद लिया।
हनुमानगढ़ी में पुजारी राजूदास ने उमा भारती को रामनामा व माल्यार्पण कर सत्कार किया। इसके बाद उमा भारती ने रामजन्मभूमि से सटे प्राचीन रंगमहल मंदिर पहुंचकर महंत रामशरण दास से आशीर्वाद लिया और कुशलक्षेम पूछा।
अयोध्या। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती बुधवार दोपहर अयोध्या पहुंचीं। रामलला व हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन के बाद उन्होंने कहा कि लखीमपुर कांड की मजिस्ट्रेट जांच कराई जा रही है तो उस पर किसी को कुछ कहना नहीं चाहिए।
किसान आंदोलन में राजनीति की चेष्टा करना न तो किसानों के हित में है, न ही भारत के संविधान व लोकतंत्र के। एक सवाल के जवाब में कहा कि 2014 के चुनाव से लेकर 2019 व अब 2022 के चुनाव से पहले न जाने कितनी साजिश हुई।
सबसे ज्यादा असहिष्णुता की शिकार तो भाजपा हुई है, मोदी व योगी हुए हैं। हमारी छोटी से बात को तिल का ताड़ बनाकर उछाला जाता है। पूरी कोशिश हो रही है कि हिंसा हो, दंगे हों। बेकसूूर लोग मारे जाएं।
खून की नदियां बहें और इनमें कांग्रेस व सपा के नेता नाव चलाकर सत्ता के सिंहासन तक पहुंचें। पूर्व सीएम उमा ने कहा प्रियंका वाड्रा इमरजेंसी और 10 हजार सिखों को जिंदा जलाना भूल गईं।
धर्म के नाम पर भारत-पाकिस्तान का बंटवारा कराना भी भूल गईं। महात्मा गांधी की जो कृषि नीति थी कि देश कृषि आधारित आर्थिक प्रगति के रास्ते को पकड़े, उसको नेहरू जी ने पलट दिया।
कांग्रेस को कृषि, किसान, लोकतंत्र, संविधान ये शब्द बोलने का अधिकार ही नहीं है। एक सवाल के जवाब में उमा भारती ने कहा कि अयोध्या से मेरी राजनीति की शुरूआत नहीं हुई है।
मैं छह साल की उम्र से प्रवचन कर रही थी, राजनीति में आने से पहले बहुत भ्रमण हो चुका था। जब मैं अयोध्या आई तो मैं दूसरी बार सांसद बनी थी। इसलिए मेरी राजनीति अयोध्या से नहीं शुरू हुई बल्कि अयोध्या मेरे लिए आस्था का विषय रही।
रामानंद सागर के प्रसिद्ध धारावाहिक रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी के निधन पर भी उन्होंने शोक जताया। उमा भारती ने अयोध्या में दर्शन-पूजन के दौरान संतों से भी आशीर्वाद लिया।
हनुमानगढ़ी में पुजारी राजूदास ने उमा भारती को रामनामा व माल्यार्पण कर सत्कार किया। इसके बाद उमा भारती ने रामजन्मभूमि से सटे प्राचीन रंगमहल मंदिर पहुंचकर महंत रामशरण दास से आशीर्वाद लिया और कुशलक्षेम पूछा।