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धान की सरकारी खरीद 11 अक्टूबर से करने के फैसले के विरोध में शनिवार को किसानों ने जिलेभर में भाजपा नेताओं का विरोध किया। चढूनी गुट के जिलाध्यक्ष संजू गुंदयाना और निदेशक मनदीप रोड छप्पर की अगुवाई में सैकड़ों किसानों ने शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर के आवास का घेराव किया। इस दौरान तीन जगहों पर की गई बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए धान से भरी ट्राली लेकर किसान शिक्षामंत्री के आवास तक पहुंच गए। इस बीच पुलिस और किसानों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। बाद में किसान शिक्षा मंत्री के आवास से सटे खाली प्लाट में टेंट लगाकर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
धान की खरीद में देरी से आक्रोशित किसान शनिवार सुबह 11 बजे जगाधरी अनाज मंडी में इकट्ठे हुए। साथ ही सरकार के फैसले पर विरोध जताया। इसके बाद ट्राली में धान भरकर जुलूस की शक्ल में शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर के आवास का घेराव करने जगाधरी पहुंचे। यहां पुलिस की तरफ से किसानों को रोकने के लिए तीन जगहों पर बैरिकेडिंग की गई थी। किसान एक के बाद एक अवरोधकों को हटाते हुए आगे बढ़ने लगे। शिक्षामंत्री के आवास के पास अंतिम अवरोधक को तोड़ने के दौरान किसान और पुलिस के बीच झड़प हो गई, लेकिन पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोक नहीं पाई। इसके बाद किसान शिक्षामंत्री के आवास के पास एक खाली प्लॉट में टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए। चढूनी गुट के जिलाध्यक्ष संजू गुंदयाना ने बताया कि धान की 90 दिन की फसल पकी हुई खड़ी है। काफी संख्या में किसान अपनी फसल काटकर मंडियों में खड़े हैं, लेकिन सरकार उनको बर्बाद करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि प्रति एकड़ 33 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ की पैदावार होती है, लेकिन सरकार ने इसे घटाकर 25 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा की है, जो गलत है। मनदीप रोड छप्पर ने कहा कि किसान शांतिपूर्वक तरीके से अपना प्रदर्शन करते हुए शिक्षामंत्री के आवास पर पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने ज्यादती की।
शाम करीब साढ़े छह बजे एसडीएम सुशील कुमार ने किसानों को बताया कि मुख्यमंत्री ने रविवार से धान की खरीद करने की बात कही है। उन्होंने किसानों को मुख्यमंत्री की प्रेस कांफ्रेंस की वीडियो भी दिखाई, जिसके बाद किसानों ने धरना खत्म किया। इस दौरान गुरबीर सिंह, धर्मपाल, गुरमेज, जरनैल सांगवान, राजकुमार, संजू शर्मा, पवन, हरपाल सुढैल, कृष्णपाल, सुखदेव, जयपाल समेत काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।
धान की सरकारी खरीद 11 अक्टूबर से करने के फैसले के विरोध में शनिवार को किसानों ने जिलेभर में भाजपा नेताओं का विरोध किया। चढूनी गुट के जिलाध्यक्ष संजू गुंदयाना और निदेशक मनदीप रोड छप्पर की अगुवाई में सैकड़ों किसानों ने शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर के आवास का घेराव किया। इस दौरान तीन जगहों पर की गई बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए धान से भरी ट्राली लेकर किसान शिक्षामंत्री के आवास तक पहुंच गए। इस बीच पुलिस और किसानों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। बाद में किसान शिक्षा मंत्री के आवास से सटे खाली प्लाट में टेंट लगाकर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
धान की खरीद में देरी से आक्रोशित किसान शनिवार सुबह 11 बजे जगाधरी अनाज मंडी में इकट्ठे हुए। साथ ही सरकार के फैसले पर विरोध जताया। इसके बाद ट्राली में धान भरकर जुलूस की शक्ल में शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर के आवास का घेराव करने जगाधरी पहुंचे। यहां पुलिस की तरफ से किसानों को रोकने के लिए तीन जगहों पर बैरिकेडिंग की गई थी। किसान एक के बाद एक अवरोधकों को हटाते हुए आगे बढ़ने लगे। शिक्षामंत्री के आवास के पास अंतिम अवरोधक को तोड़ने के दौरान किसान और पुलिस के बीच झड़प हो गई, लेकिन पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोक नहीं पाई। इसके बाद किसान शिक्षामंत्री के आवास के पास एक खाली प्लॉट में टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए। चढूनी गुट के जिलाध्यक्ष संजू गुंदयाना ने बताया कि धान की 90 दिन की फसल पकी हुई खड़ी है। काफी संख्या में किसान अपनी फसल काटकर मंडियों में खड़े हैं, लेकिन सरकार उनको बर्बाद करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि प्रति एकड़ 33 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ की पैदावार होती है, लेकिन सरकार ने इसे घटाकर 25 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा की है, जो गलत है। मनदीप रोड छप्पर ने कहा कि किसान शांतिपूर्वक तरीके से अपना प्रदर्शन करते हुए शिक्षामंत्री के आवास पर पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने ज्यादती की।
शाम करीब साढ़े छह बजे एसडीएम सुशील कुमार ने किसानों को बताया कि मुख्यमंत्री ने रविवार से धान की खरीद करने की बात कही है। उन्होंने किसानों को मुख्यमंत्री की प्रेस कांफ्रेंस की वीडियो भी दिखाई, जिसके बाद किसानों ने धरना खत्म किया। इस दौरान गुरबीर सिंह, धर्मपाल, गुरमेज, जरनैल सांगवान, राजकुमार, संजू शर्मा, पवन, हरपाल सुढैल, कृष्णपाल, सुखदेव, जयपाल समेत काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।