– निगम की फर्जी आईडी बनाकर जन्म-मृत्यु सर्टिफिकेट बनाने का मामला, दो च्वाइस सेंटर संचालक गए जेल
– महारजिस्ट्रार की सरकारी वेबसाइट का यूजर आईडी बेचने वाले की तलाश

रायपुर। शहर में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले च्वाइस सेंटर संचालकों के मोबाइल व लैपटॉप की जांच साइबर एक्सपर्ट करेंगे। कोतवाली पुलिस ने इसके लिए साइबर सेल को चिट्ठी लिखी है। आरोपी जिस टेलीग्राम गु्रप से जुड़े थे, उसकी भी जांच की जाएगी। इसके अलावा च्वाइस सेंटर के संचालकों ने तीसरे आरोपी मोहम्मद रहीमुद्दीन से महारजिस्ट्रार की सरकारी वेबसाइट का यूजर आईडी और पासवर्ड लेने के एवज में जिन खातों में उसे भुगतान किया था, उन खातों की भी जांच की जाएगी। पुलिस ने च्वाइस सेंटर संचालक नयन काबरा और युगल किशोर वर्मा को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया। मामले से जुड़े तीसरे आरोपी मोहम्मद रहीमुद्दीन की पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि रहीमुद्दीन रायपुर का है या फिर कहीं और का?
उल्लेखनीय है कि जनवरी 2021 से च्वाइस सेंटरों में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनना बंद हो गए हैं। इसे नगर निगम की रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु शाखा से ही बनाया जा सकता है। इसके बावजूद शहर में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हो रहे थे। इसकी भनक नगर निगम के अधिकारियों को लगी। उन्होंने कोतवाली थाने में इसकी शिकायत की थी। पुलिस ने जांच के बाद उमा च्वाइस सेंटर के संचालक नयन काबरा और आरटीओ के पास से युगल किशोर वर्मा को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने नगर निगम के रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु की फर्जी आईडी बनाकर कई लोगों को अपने च्वाइस सेंटर से प्रमाण पत्र बनाकर दिया है।
टेलीग्राम गु्रप में आया था मैसेज
आरोपियों और रहीमुद्दीन एक टेलीग्राम गु्रप से जुड़े थे। इसमें कई लोग जुड़े हैं। रहीमुद्दीन ने महारजिस्ट्रार के सरकारी वेबसाइट का यूजर आईडी व पासवर्ड 5 और 10 हजार रुपए में दिया था। रहीमुद्दीन को यह यूजर आईडी व पासवर्ड कैसे मिला? इसका पता नहीं चल पाया है। पुलिस को आशंका है कि रहीमुद्दीन हैकिंग के जरिए भी नेशनल पोर्टल से यूजर आईडी व पासवर्ड बनाकर आरोपियों को बेचा होगा।
सर्टिफिकेट में संदेह तो निगम की सूची से कर लें मिलान
कोतवाली टीआई मोहसिन खान ने लोगों से अपील की है कि जनवरी 2021 से जिन लोगों ने विभिन्न च्वाइस सेंटरों में जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए हैं, तो एक बार नगर निगम की सूची से मिलान जरूर कर लें। उल्लेखनीय है कि जनवरी 2021 से च्वाइस सेंटरों में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने पर रोक लगा दी है। इसके बाद भी कई लोग इसी तरह की फर्जी आईडी बनाकर पांच-पांच, दस-दस हजार रुपए में प्रमाण पत्र बनाकर देर रहे हैं।