नेपाल के भैरहवा में बैठक करते पर्यटन व्यापारी।
– फोटो : MAHARAJGANJ
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रूपनदेही पर्यटन उद्यमियों ने 24 घंटे व्यवसाय संचालन की मांग उठाई
विश्व पर्यटन दिवस : भैरहवां में संवाद कार्यक्रम के दौरान कारोबारियों ने सुनाई समस्या
कहा, कोरोना सुरक्षा के नाम पर रात 10 बजे कारोबार बंद करने का है आदेश
सोनौली (महराजगंज)। रूपनदेही के उद्यमियों ने जिले में पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए अपने व्यवसाय को स्थानीय प्रशासन से चौबीस घंटे संचालित करने की अनुमति देने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि स्थानीय प्रशासन ने कोरोना सुरक्षा के नाम पर रात 10 बजे कारोबार बंद करने का आदेश दिया है। जबकि कारोबार का पंजीकरण करते समय या कंपनियों के प्रबंधन पत्र और नियमों में 24 घंटे काम करने की अनुमति दी गई थी।
42 वें विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर भैरहवां में आयोजित संवाद कार्यक्रम में कारोबारियों ने समस्या सुनाई। नेपाल के होटल एसोसिएशन के केंद्रीय सदस्य चंद्र प्रकाश श्रेष्ठ ने कहा कि भैरहवां में कम से कम रात 12 बजे तक दुकानें संचालित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। करीब 18 महीने के बाद कुछ आस जगी है। अगर ऐसा रहा तो पर्यटन को कैसे बढ़ावा दिया जाएगा। लुंबिनी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद शर्मा ने कहा कि नेपाल का हर क्षेत्र पर्यटन क्षेत्र से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि नेपाल में धार्मिक, साहसिक पर्यटन के साथ-साथ होटल, कृषि, स्कूल, खेल और चिकित्सा के क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है। उन्होंने नेपाल में पर्यटन के विकास के लिए पर्यटन व्यवसायियों और सरकार के बीच समान सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। इस मौके पर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सीपी श्रेष्ठ, श्रीचंद गुप्ता, किशोर जोशी, संजय वाजमयम आदि मौजूद रहे।
‘बौद्ध सर्किट की अड़चनें दूर करनी चाहिए’
सोनौली (महराजगंज)। भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी सहित भारत के कुशीनगर और सारनाथ को मिला कर बौद्ध श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए करोड़ों रुपये की लागत से बौद्ध सर्किट बनाए जाने पर नेपाल सरकार अनुमति दे चुकी है। लेकिन, कोरोना के कारण यह रुकी पड़ी है जिसे दोनों देशों की सरकार मिलकर इस कमी को दूर कर सकते हैं। यह बात लुंबिनी विकास कोष के अध्यक्ष भिक्षु मैत्रय ने लुंबिनी में पत्रकारों के साथ हुई बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि मित्र राष्ट्र भारत से काफी संख्या में पर्यटक नेपाल आते हैं। साथ ही थाईलैंड, भूटान से श्रद्धालुओं के आगमन के दौरान सोनौली सीमा पर जाम से वह एक रात भी नहीं रुक पाते। भगवान बुद्ध की गाथा ऐसी है कि बारह स्थानों में भारत और नेपाल अग्रणी है। मुख्य चार धाम के बाद लुंबिनी है। बुद्धिस्ट सर्किट बन जाने से यात्रियों को आसानी होगी। सीमा पर बॉर्डर क्रासिंग के लिए सरल बनाया जाए। संवाद
रूपनदेही पर्यटन उद्यमियों ने 24 घंटे व्यवसाय संचालन की मांग उठाई
विश्व पर्यटन दिवस : भैरहवां में संवाद कार्यक्रम के दौरान कारोबारियों ने सुनाई समस्या
कहा, कोरोना सुरक्षा के नाम पर रात 10 बजे कारोबार बंद करने का है आदेश
सोनौली (महराजगंज)। रूपनदेही के उद्यमियों ने जिले में पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए अपने व्यवसाय को स्थानीय प्रशासन से चौबीस घंटे संचालित करने की अनुमति देने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि स्थानीय प्रशासन ने कोरोना सुरक्षा के नाम पर रात 10 बजे कारोबार बंद करने का आदेश दिया है। जबकि कारोबार का पंजीकरण करते समय या कंपनियों के प्रबंधन पत्र और नियमों में 24 घंटे काम करने की अनुमति दी गई थी।
42 वें विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर भैरहवां में आयोजित संवाद कार्यक्रम में कारोबारियों ने समस्या सुनाई। नेपाल के होटल एसोसिएशन के केंद्रीय सदस्य चंद्र प्रकाश श्रेष्ठ ने कहा कि भैरहवां में कम से कम रात 12 बजे तक दुकानें संचालित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। करीब 18 महीने के बाद कुछ आस जगी है। अगर ऐसा रहा तो पर्यटन को कैसे बढ़ावा दिया जाएगा। लुंबिनी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद शर्मा ने कहा कि नेपाल का हर क्षेत्र पर्यटन क्षेत्र से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि नेपाल में धार्मिक, साहसिक पर्यटन के साथ-साथ होटल, कृषि, स्कूल, खेल और चिकित्सा के क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है। उन्होंने नेपाल में पर्यटन के विकास के लिए पर्यटन व्यवसायियों और सरकार के बीच समान सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। इस मौके पर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सीपी श्रेष्ठ, श्रीचंद गुप्ता, किशोर जोशी, संजय वाजमयम आदि मौजूद रहे।
‘बौद्ध सर्किट की अड़चनें दूर करनी चाहिए’
सोनौली (महराजगंज)। भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी सहित भारत के कुशीनगर और सारनाथ को मिला कर बौद्ध श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए करोड़ों रुपये की लागत से बौद्ध सर्किट बनाए जाने पर नेपाल सरकार अनुमति दे चुकी है। लेकिन, कोरोना के कारण यह रुकी पड़ी है जिसे दोनों देशों की सरकार मिलकर इस कमी को दूर कर सकते हैं। यह बात लुंबिनी विकास कोष के अध्यक्ष भिक्षु मैत्रय ने लुंबिनी में पत्रकारों के साथ हुई बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि मित्र राष्ट्र भारत से काफी संख्या में पर्यटक नेपाल आते हैं। साथ ही थाईलैंड, भूटान से श्रद्धालुओं के आगमन के दौरान सोनौली सीमा पर जाम से वह एक रात भी नहीं रुक पाते। भगवान बुद्ध की गाथा ऐसी है कि बारह स्थानों में भारत और नेपाल अग्रणी है। मुख्य चार धाम के बाद लुंबिनी है। बुद्धिस्ट सर्किट बन जाने से यात्रियों को आसानी होगी। सीमा पर बॉर्डर क्रासिंग के लिए सरल बनाया जाए। संवाद