न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: गीतार्जुन गौतम
Updated Wed, 06 Oct 2021 10:01 PM IST
सार
ट्विटर, फेसबुक पर एनटीए की व्यवस्था के विरोध में मुहिम शुरू हुई है, उसमें सबसे अधिक नाराजगी छात्रों को बीएससी कृषि प्रवेश परीक्षा के प्रवेश पत्र में देरी पर थी।
वाराणसी में बुधवार को प्रवेश परीक्षा के चलते लगा जाम।
– फोटो : अमर उजाला
बीएचयू में यूजी, पीजी में होने वाली प्रवेश परीक्षा कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानि एनटीए की व्यवस्था पर छात्रों ने सवाल खड़ा किया है। सोशल मीडिया पर इसके लिए मुहिम शुरू की गई है। इसमें छात्र यह संदेश दे रहे हैं कि एनटीए की ओर से बार-बार प्रवेश परीक्षा तिथि टाले जाने के साथ ही प्रवेश पत्र में देरी का खामियाजा उन्हें भुगतान पड़ रहा है। उन्होंने ट्विटर, फेसबुक पर इसके लिए विरोध भी शुरू कर दिया है। 28 सितंबर से शुरू प्रवेश परीक्षा के एक दिन पहले तक अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र के लिए इंतजार करना पड़ा।
इसके बाद 29 सितंबर को होने वाली बीएड, बीएड स्पेशल समेत पांच पाठयक्रमों की प्रवेश परीक्षा टाल दी गई थी। बाद में छह अक्तूबर को कराने की तिथि जारी की गई। साथ ही छह वाली परीक्षा भी टालकर नौ अक्तूबर कर दी गई। ट्विटर, फेसबुक पर एनटीए की व्यवस्था के विरोध में मुहिम शुरू हुई है, उसमें सबसे अधिक नाराजगी छात्रों को बीएससी कृषि प्रवेश परीक्षा के प्रवेश पत्र में देरी पर थी। ट्विटर पर डाले गए वीडियो में छात्रों ने बताया कि 6 अक्तूबर की परीक्षा के लिए 5 अक्तूबर की दोपहर दो बजे के करीब प्रवेश पत्र डाले गए। ऐसे में दूर दराज के छात्रों को मुश्किलें हुईं।
बीएचयू परिसर में बीएससी कृषि प्रवेश परीक्षा में अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ी रही। सुबह 8 बजे से 10 बजे तक होने वाली परीक्षा के लिए गोरखपुर, बस्ती, जौनपुर, देवरिया आदि जगहों से अधिकांश अभ्यर्थी सुबह छह बजे ही अभिभावकों के साथ केंद्रों पर पहुंच गए थे। छात्रों के मुताबिक, परीक्षा में विषयों से पूछे गए सवालों की तुलना में सामान्य ज्ञान के सवाल थोड़ा कठिन लग रहे थे। इस वजह से इन सवालों को हल करने में अधिक समय लगा। माइनस मार्किंग की वजह से बहुत से छात्रों ने पेपर के आठ से दस सवालों को छोड़ दिया। अब सभी को एनटीए की ओर से आंसर की जारी होने का इंतजार है।
विस्तार
बीएचयू में यूजी, पीजी में होने वाली प्रवेश परीक्षा कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानि एनटीए की व्यवस्था पर छात्रों ने सवाल खड़ा किया है। सोशल मीडिया पर इसके लिए मुहिम शुरू की गई है। इसमें छात्र यह संदेश दे रहे हैं कि एनटीए की ओर से बार-बार प्रवेश परीक्षा तिथि टाले जाने के साथ ही प्रवेश पत्र में देरी का खामियाजा उन्हें भुगतान पड़ रहा है। उन्होंने ट्विटर, फेसबुक पर इसके लिए विरोध भी शुरू कर दिया है। 28 सितंबर से शुरू प्रवेश परीक्षा के एक दिन पहले तक अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र के लिए इंतजार करना पड़ा।
इसके बाद 29 सितंबर को होने वाली बीएड, बीएड स्पेशल समेत पांच पाठयक्रमों की प्रवेश परीक्षा टाल दी गई थी। बाद में छह अक्तूबर को कराने की तिथि जारी की गई। साथ ही छह वाली परीक्षा भी टालकर नौ अक्तूबर कर दी गई। ट्विटर, फेसबुक पर एनटीए की व्यवस्था के विरोध में मुहिम शुरू हुई है, उसमें सबसे अधिक नाराजगी छात्रों को बीएससी कृषि प्रवेश परीक्षा के प्रवेश पत्र में देरी पर थी। ट्विटर पर डाले गए वीडियो में छात्रों ने बताया कि 6 अक्तूबर की परीक्षा के लिए 5 अक्तूबर की दोपहर दो बजे के करीब प्रवेश पत्र डाले गए। ऐसे में दूर दराज के छात्रों को मुश्किलें हुईं।
बीएससी कृषि प्रवेश परीक्षा में उमड़ी भीड़
बीएचयू के महिला महाविद्यालय से बीएससी कृषि की प्रवेश परिक्षा देकर बाहर निकलते अभ्यर्थी।
– फोटो : अमर उजाला
बीएचयू परिसर में बीएससी कृषि प्रवेश परीक्षा में अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ी रही। सुबह 8 बजे से 10 बजे तक होने वाली परीक्षा के लिए गोरखपुर, बस्ती, जौनपुर, देवरिया आदि जगहों से अधिकांश अभ्यर्थी सुबह छह बजे ही अभिभावकों के साथ केंद्रों पर पहुंच गए थे। छात्रों के मुताबिक, परीक्षा में विषयों से पूछे गए सवालों की तुलना में सामान्य ज्ञान के सवाल थोड़ा कठिन लग रहे थे। इस वजह से इन सवालों को हल करने में अधिक समय लगा। माइनस मार्किंग की वजह से बहुत से छात्रों ने पेपर के आठ से दस सवालों को छोड़ दिया। अब सभी को एनटीए की ओर से आंसर की जारी होने का इंतजार है।
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बीएससी कृषि प्रवेश परीक्षा में उमड़ी भीड़