हाइलाइट्स
- पुलिस का दावा- पत्नी, बेटा, बेटी और भतीजी को मारने के बाद युवक ने खुद लगाई फांसी
- पलवल में दिल्ली-आगरा एनएच के पास के गांव औरंगाबाद के एक घर में हुई वारदात
- पिता ने पुलिस को दी हादसे की शिकायत, अभी कारण का पता नहीं चल सका है
पलवल में दिल्ली-आगरा नैशनल हाइवे के पास के गांव औरंगाबाद के एक घर में एक ही परिवार के तीन बच्चों सहित 5 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए। मरने वालों में पति-पत्नी, बेटा, बेटी और भतीजी शामिल हैं। मृतक नरेश कुमार के पिता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। घटना मंगलवार-बुधवार आधी रात की है। एसएसपी दीपक गहलावत ने बताया कि पहली दृष्टि में यह मामला हत्या और आत्महत्या से जुड़ा लग रहा है। अभी कारण का पता नहीं चल सका है। माना जा रहा है कि कारोबार में घाटे के चलते ये कदम उठाया गया है।
सुबह जगाया तो कोई आवाज नहीं आई
एसएसपी गहलावत के अनुसार औरंगाबाद निवासी लक्खीराम ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि वह सुबह साढ़े 5 बजे जगे तो बेटे नरेश को जगाने के लिए आवाज लगाई। आवाज लगाने के बाद कोई नहीं बोला तो वह घर के अंदर गए। वहां 33 वर्षीय नरेश रस्सी के सहारे पंखे के हुक से लटका हुआ था। चारपाई पर नरेश की 30 वर्षीय पत्नी आरती और 8 वर्षीय बेटी वर्षा व 11 वर्षीय रविता मृत अवस्था में पड़े थे। नरेश के 10 साल के बेटे संजय का शव तख्त पर पड़ा था। पड़ोसियों को बुलाकर नरेश के शव को उतरवाया गया।
फॅरेंसिक जांच की गई है। फिंगर प्रिंट लिए गए हैं और घर में रखे खाने का सैंपल भी लिया गया है। पुलिस ने हर पहलू से मामले की जांच की है और डॉक्टरों के बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाया गया है। मौत के कारणों की जांच की जा रही है। पहली नजर में यह हत्या और आत्महत्या का मामला लग रहा है।
दीपक गहलावत,एसएसपी
मौके से नहीं मिला कोई सुसाइड नोट
पुलिस ने पड़ोसियों के अलावा अन्य ग्रामीणों से भी पूछताछ की है। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि एक नरेश ने अपनी पत्नी, बेटे, बेटी और भतीजी को मारने के लिए कथित तौर पर जहर दिया और फिर आत्महत्या कर ली। गला घोटने का भी शक है। हालांकि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। सभी शव एक कमरे में मिले हैं। परिवार ने किसी बाहरी व्यक्ति पर शक नहीं जताया है।
झांसी में कुछ समय पहले शुरू किया था ढाबा
नरेश ने यूपी के झांसी में कुछ समय पहले ढाबा शुरू किया था। फायदा के बजाय कर्ज बढ़ गया। तीन माह में काफी कर्ज हो गया था। नरेश दो दिन पहले ही झांसी से घर आया था। कर्ज चुकाने के लिए नरेश ने अपना ट्रैक्टर भी बेच दिया था। इसके पैसे जल्द ही मिलने वाले थे। उससे पहले ये कदम उठा लिया गया। इससे परिवार और गांव का हर व्यक्ति हैरान है। गांव में शोक छाया हुआ है।
हर सप्ताह बच्चों से मिलने गांव आता था
घटना के बाद नरेश के पिता लक्खीराम बुरी तरह टूट गए हैं। गांव के सरपंच हरदीप सिंह चौहान का कहना है कि आखिर कोई तो कारण होगा जो हंसता-खेलता परिवार समाप्त हो गया। गांव के सरपंच हरदीप सिंह के अनुसार नरेश की 11 साल की भतीजी रविता उसके साथ ही रहती थी। नरेश ने कुछ समय पहले ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर खेतीबाड़ी का काम किया, लेकिन ज्यादा फायदा होने पर उन्हें बेचकर अब झांसी में फास्टफूड की दुकान खोल ली थी। नरेश हर सप्ताह अपने बच्चों से मिलने गांव आता रहता था।
रात को पड़ोसियों के साथ हंसी-मजाक करता रहा
मंगलवार की शाम वह झांसी से लौटा था और खाना खाने के बाद रात 10 बजे पड़ोसियों व पारिवारिक सदस्यों के साथ हंसी-मजाक करता रहा। रात 10 बजे के लगभग वह घर चला गया। बुधवार सुबह लक्खीराम की आवाज पर नहीं जगा तो पड़ोस में रहने वाले ईश्वर पंडित को जगाने के लिए भेजा। ईश्वर की पत्नी जब नरेश को जगाने घर में पहुंची तो वह फांसी लटका देख गिर पडी। सरपंच के मुताबिक शव अकड़े हुए थे। डॉक्टरों के मुताबिक मौत के 6 घंटे बाद शव में अकड़न आती है।
