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इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) और इसके संघटक महाविद्यालयों में ‘राष्ट्र सेवा’ अनिवार्य विषय होगा और इस विषय की परीक्षा प्रत्येक छात्रों को उत्तीर्ण करनी होगी। यह जानकारी कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने मंगलवार को सभी संघटक महाविद्यालयों के प्राचार्यों के साथ हुई बैठक में दी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का खाका तैयार कर लिया गया है और इसके तहत नया सिलेबस वर्ष 2023 से लागू किया जाएगा।
कुलपति ने बताया कि छात्रों के लिए विषय में पढ़ाई के साथ भ्रमण भी अनिवार्य होगा। इसके लिए एनईपी ने 100 से अधिक जगहों की एक लिस्ट जारी की है, जहां छात्रों को लेकर जाया जा सकता है। भ्रमण शिक्षण के घंटे में जोड़ा जाएगा। कुलपति ने कहा कि संघटक कॉलेज विश्वविद्यालय के सिलेबस को ही लागू करेंगे।
इसमें वे उन इलेक्टिव पाठ्यक्रमों का चुनाव कर सकते हैं, जिन्हें पढ़ाने के लिए उनके पास शिक्षक और आवश्यक संसाधन मौजूद हैं। नए विषयों में कोर्स चलाने के लिए भी कॉलेज आवेदन भी कर सकते हैं और यदि वे कुछ ऐसे इंटीग्रेटेड कोर्स बनाना चाहिए जिसको वह अपने कॉलेज में चलाना चाहते हैं तो वे भी कर सकते हैं।
डीनआर एंड दी और एनईपी कमेटी के चेयरमैन प्रोफेसर एसआई रिजवी ने नई शिक्षा नीति में हुई प्रगति के बारे में प्राचार्यों को अवगत कराया और इस विषय में उनके सुझाव भी आमंत्रित किए। उन्होंने बताया कि कई कॉलेजों में खेल के मैदान की सुविधा नहीं है और नई शिक्षा नीति में खेल एक महत्वपूर्ण विषय है। इसलिए छात्रों को यह सुविधा दी जा सकती है कि अगर वे खेल के प्रशिक्षण और प्रतिभागिता से जुड़े हुए अधिकृत संस्थानों के सर्टिफिकेट लाते हैं तो इसे उनके क्रेडिट अंकों में जोड़ा जा सकेगा।