यूएनजीए में 21 से 27 सितंबर तक आयोजित 76वें सत्र की महासभा में टीका निर्यात व जरूरी मेडिकल सामग्री की आपूर्ति के लिए भारत समेत दूसरे देशों का भी आभार जताया गया।
सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी ने कहा, उन देशों और संगठनों को शुक्रिया, जिन्होंने एकजुटता दिखाई और इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मेरे देश और लोगों को प्रारंभिक चरण में बहुमूल्य समर्थन दिया।
संतोखी ने कहा, हम विशेष रूप से भारत, नीदरलैंड, चीन और अमेरिका को धन्यवाद देते हैं। नाउरू के राष्ट्रपति लियोनेल रूवेन एंगिमिया ने कहा, हम अपने सच्चे मित्रों ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान की निरंतर मदद के लिए उनके वास्तव में आभारी हैं। नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहम्मदु बुहारी ने टीके उपलब्ध कराने के लिए अमेरिका, तुर्की, भारत, चीन व यूरोपीय को धन्यवाद दिया।
सेंट लुसिया के प्रधानमंत्री फिलिप पियरे, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के प्रधानमंत्री राल्फ गोंजाल्विस तथा घाना के राष्ट्रपति नाना अडो डंकवा अकुफो-अडो ने भी भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
प्रतिबद्धता पूरी करेगा भारत
भारत ‘वैक्सीन मैत्री’ कार्यक्रम के तहत 2021 की चौथी तिमाही में कोविड-19 टीकों का निर्यात फिर से शुरू करेगा और कोवाक्स के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पूरी करेगा। अप्रैल में देश के भीतर महामारी की दूसरी लहर आने के बाद भारत ने टीका निर्यात रोक दिया था।
नेपाल-भूटान ने जताया आभार
नेपाल के नए विदेश मंत्री नारायण खड़का ने विश्व नेताओं से कहा, कोरोना से लड़ाई में हिमालयी देश की मदद करने के लिए हम भारत और चीन के आभारी हैं। उन्होंने जरूरी चिकित्सा उपकरण व दवाएं उपलब्ध कराने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन व जापान को भी धन्यवाद दिया। भूटान के पीएम लोते शेरिंग ने कहा वे यूएन के अलावा भारत का खासतौर पर शुक्रिया करते हैं जिसमें बिना शर्त हमें सहयोग दिया।
टीका निर्यात पर अमेरिकी सांसद ने की भारत की सराहना
अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर जिम रिश ने कोविड-19 रोधी टीकों का निर्यात पुन: शुरू करने के भारत के निर्णय की सराहना की है। सीनेट की विदेश मामलों की समिति के ‘रैंकिंग’ सदस्य रिश ने भारत से अपील भी की कि वह इन टीकों का उत्पादन बढ़ाए, ताकि उसकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताएं पूरी हो सकें।