संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : कैप्टन संजय पराशर ने कहा कि देश की जनसंख्या का लगभग 65 प्रतिशत भाग अकेला युवा वर्ग ही है। किसी भी देश की तरक्की युवाओं के आचरण पर निर्भर करती है। देश का युवा मजबूत होगा तो देश भी मजबूत होगा और तरक्की करेगा। युवाओं को अपने चरित्र और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ढलियारा में ‘युवा वर्ग के समक्ष वर्तमान में चुनौतियां’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम के अध्यक्षीय भाषण में संजय ने कहा कि आज युवा साथी कहीं न कहीं ऐसे चौराहे पर खड़े हैं जहां रोजगार प्राप्त करना उनके लिए बड़ी चुनौती भी है। युवा अपने जीवन में कोई भी लक्ष्य निर्धारित करें और उस लक्ष्य के अनुसार अपने जीवन की दिनचर्या बनाएं।
युवा वर्ग को देश की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है। हमारा देश तो युवाओं का ही है। देश को आजादी दिलाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले भगत सिंह, सुभाष चन्द्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, खुदीराम बोस युवा चेहरे ही थे। युवा वर्ग ने देश के तेजी से हो रहे विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया है। वहीं, बेरोजगारी से कहीं न कहीं युवा प्रतिभाएं अपने आपको साबित नहीं कर पा रही हैं। ऐसे में युवा वर्ग को लक्ष्य साधने होंगे क्योंकि आज के ग्लोबल होते संसार में हर तरफ गला काट प्रतिस्पर्धा है। युवाओं को यह तय करना ही होगा कि उन्हें किस क्षेत्र में अपना करियर बनाना है और कैसे वहां तक पहुंचना है।
हिमाचल में भी युवा किसी भी क्षेत्र में मुकाम हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट के अभाव और अन्य कारणों से वे कई बार लक्ष्य पाने से वंचित रह जाते हैं। इसलिए उन्होंने क्षेत्र में इंग्लिश लर्निंग व कंप्यूटर सेंटर खोले हैं। इसके अलावा वह खुद शिक्षण संस्थानों में जाकर विद्यार्थियों से सीधा संवाद करते हैं ताकि करियर से संबंधित किसी भी समस्या का हल किया जा सके। साथ ही समय-समय पर वेबीनार का आयोजन भी किया जाता है। पराशर ने कहा कि उनका प्रयास है कि इस वर्ष पांच सौ से ज्यादा युवाओं को रोजगार दिया जाए। अब तक तीन सौ से ज्यादा युवाओं को नौकरी प्रदान कर चुके हैं।
इस अवसर पर परागपुर से शिवम शर्मा, रक्कड़ से नितिश, चलाली से शिवम और लग्ग बलियाणा से विशाल ने करियर संबंधी सवाल पराशर से पूछे, जिस पर पराशर ने जानकारी उपलब्ध करवाई।
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