अधिकांश राज्य अलग अलग दिशा निर्देशों के तहत स्कूलों को खोल रहे हैं। दिल्ली की बात करें तो यहां सबसे पहले माध्यमिक स्तर के स्कूलों को खोला गया है। जबकि प्राथमिक स्कूलों को बाद में शुरू करने का फैसला लिया गया। अध्ययन में कहा गया है, 12 साल या उससे अधिक आयु के बच्चों में संक्रमण का उच्च जोखिम है। चूंकि अभी इस आयुवर्ग के लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन स्कूलों को शुरू करना भी जरूरी है।
ऐसे में सभी कोविड सतर्कता नियमों का पालन करने के साथ प्राथमिक स्कूलों को सबसे पहले खोलना चाहिए। माध्यमिक स्कूलों को कुछ समय बाद शुरू किया जा सकता है। आईसीएमआर के मुख्य संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. समीरन पांडा और डॉ. तनु आनंद भी अध्ययन में शामिल है।
उनका कहना है, कोविड-19 के दौरान लंबे समय तक स्कूल बंद रहने के कारण बच्चों के सर्वांगीण विकास पर असर पड़ा है। इसलिए स्कूलों को खोलने की जरूरत है। शुरुआत प्राथमिक विद्यालयों से की जा सकती है। यह चिकित्सीय अध्ययन इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईजेएमआर) में प्रकाशित होगा।
केवल 24 फीसदी बच्चों ने रेगुलर लीं क्लास
वैज्ञानिकों ने बताया, बीते अगस्त माह में पता चला है कि शहरी क्षेत्रों में केवल 24 फीसदी बच्चों ने नियमित क्लास ली है। स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों ने ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण की है। वहीं झुग्गी और ग्रामीण इलाकों में केवल आठ फीसदी बच्चे हर दिन क्लास लेते रहे। यह सर्वे 15 राज्यों में किया गया था जिसमें 1362 बच्चों से बातचीत की गई थी। वैज्ञानिकों ने हैरानी जताई कि इस सर्वे में शामिल 50 फीसदी से भी अधिक बच्चे फॉर्म में दिए कुछ ही शब्द पढ़ सके।
ब्रिटेन में स्कूल खुलते ही बढ़ने लगे थे केस
वैज्ञानिकों ने ब्रिटेन का उदाहरण देते हुए बताया, वहां माध्यमिक स्कूलों को सबसे पहले खोला गया जिसके बाद संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली। स्कूलों से संक्रमित होकर बच्चे अपने परिवार में पहुंचे और वहां औरों को भी संक्रमित किया लेकिन आयरलैंड में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। इसी साल जून में जारी चौथे राष्ट्रीय सीरो सर्वे के अनुसार 6 वर्ष से अधिक आयु वालों में वयस्क की तरह संक्रमण का जोखिम है लेकिन इनसे कम आयु में यह जोखिम कम है।
जांच कम होते ही संक्रमण दर दो फीसदी पार
देश में रविवार को कोरोना जांच कम होते ही संक्रमण दर में उछाल दर्ज की गई। देशभर में 11.65 लाख सैंपल की जांच हुई, जिनमें 2.24 फीसदी सैंपल संक्रमित मिले। जबकि अन्य दिनों में जांच की संख्या 15 लाख से अधिक रही है व संक्रमण दर 1.90 फीसदी से कम दर्ज की गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया, पिछले एक दिन में 26,041 नए मामले सामने आए हैं। जबकि 276 मरीजों की मौत हुई है। इस दौरान 29,621 मरीजों को स्वस्थ घोषित किया गया। इसी के साथ ही देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 3,36,78,786 पहुंच गई है। अब तक कुल 4,47,194 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। सक्रिय मामलों की संख्या 2,99,620 है।