हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Abhilash Srivastava Updated Tue, 28 Sep 2021 12:01 PM IST
डॉ नित्यानंद त्रिपाठी
हृदय रोग विशेषज्ञ
उजाला सिग्नस, सोनिया हॉस्पिटल नांगलोई
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने सेहत को बुरी तरह से प्रभावित किया। दूसरी लहर के मुख्य कारण माने जा रहे कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने हृदय और फेफड़ों सहित शरीर के कई अंगों को गंभीर क्षति पहुंचाई। यही कारण है कि कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में भी हृदय रोग के मामले देखे जा रहे हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हृदय रोग दुनियाभर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है, कोविड के बाद इसकी जटिलताएं और अधिक बढ़ गई हैं। हृदय रोगों के खतरे के बारे में लोगों को सचेत और जागरूक करने के लिए हर साल 29 सितंबर को ‘वर्ल्ड हार्ट डे’ के रूप में मनाया जाता है।
हाल ही में हुए तमाम अध्ययनों में पाया गया है कि कोविड-19, शरीर में रक्त के थक्के बनने की समस्या को बढ़ा देता है, यह स्थिति हृदय के लिए नुकसानदायक हो सकती है। यही कारण है कि संक्रमण से ठीक होने के महीनों बाद भी लोगों में हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बना रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड-19 के ठीक होने के बाद भी लोगों को हृदय को स्वस्थ रखने वाले उपाय करते रहने चाहिए, आइए इस बारे में आगे की स्लाइडों में विस्तार से जानते हैं।