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लखीमपुर खीरी। अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से एक अक्तूबर यानी कल राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर लगेगा। इसमें 18 से 60 साल तक के स्वस्थ लोग रक्तदान कर सकते हैं। महादानियों को अमर उजाला की ओर से प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. केपी सिंह बताते हैं कि एक यूनिट रक्त चार लोगों की जान बचाता है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति एक यूनिट रक्तदान करता है तो वह किसी के लिए जीवनदान बन सकता है। इसीलिए रक्तदान को महादान कहा गया है, क्योंकि इससे किसी जरूरतमंद के घर में खुशियां लाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि रक्तदान करने से कमजोरी नहीं आती, बल्कि शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है। शरीर 24 घंटे के भीतर ही दिए गए रक्त की भरपाई कर लेता है। एक यूनिट में करीब 350 मिलीग्राम खून लिया जाता है। कोई भी 18 से 60 साल की उम्र का स्वस्थ व्यक्ति तीन माह बाद रक्तदान कर सकता है। नियमित ऐसा करने वालों में रक्त सहित कई प्रकार की गंभीर बीमारियों की जांचें मुफ्त में हो जाती हैं। इसमें एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, सी आदि शामिल हैं।
ये लोग कर सकते हैं रक्तदान
18 से 60 साल के व्यक्ति व्यक्ति रक्तदान कर सकते हैं। वजन 45 किलो से अधिक होना चाहिए। हृदय रोग संबंधित किसी प्रकार की बीमारी न हो। व्यक्ति इंसुलिन न लेता हो।
रक्तदान के फायदे
दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है। कैंसर होने का खतरा कम रहता है। वजन कंट्रोल करने में मददगार। नियमित रक्तदान करने से आयरन की मात्रा संतुलित रहती है। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है। इससे ज्यादा कैलोरी और वसा बर्न होता है और पूरे शरीर को फिट रखता है। रक्तदान करने से शरीर में नई कोशिकाओं का सृजन होता है।
खून न तो बाजार में बिकता है और न ही बनता है। यह ब्लड बैंक को लोगों के रक्तदान से मिलता है, जिससे विषम परिस्थितियों में जरूरतमंदों की जान बचती है। रक्तदान करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है। इसलिए जरूरतमंदों की जान बचाने के लिए हर स्वस्थ व्यक्ति को आगे आकर रक्तदान अवश्य करना चाहिए।
– डॉ. सीएस सिंह, प्रभारी सीएमएस जिला अस्पताल
लखीमपुर खीरी। अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से एक अक्तूबर यानी कल राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर लगेगा। इसमें 18 से 60 साल तक के स्वस्थ लोग रक्तदान कर सकते हैं। महादानियों को अमर उजाला की ओर से प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. केपी सिंह बताते हैं कि एक यूनिट रक्त चार लोगों की जान बचाता है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति एक यूनिट रक्तदान करता है तो वह किसी के लिए जीवनदान बन सकता है। इसीलिए रक्तदान को महादान कहा गया है, क्योंकि इससे किसी जरूरतमंद के घर में खुशियां लाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि रक्तदान करने से कमजोरी नहीं आती, बल्कि शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है। शरीर 24 घंटे के भीतर ही दिए गए रक्त की भरपाई कर लेता है। एक यूनिट में करीब 350 मिलीग्राम खून लिया जाता है। कोई भी 18 से 60 साल की उम्र का स्वस्थ व्यक्ति तीन माह बाद रक्तदान कर सकता है। नियमित ऐसा करने वालों में रक्त सहित कई प्रकार की गंभीर बीमारियों की जांचें मुफ्त में हो जाती हैं। इसमें एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, सी आदि शामिल हैं।
ये लोग कर सकते हैं रक्तदान
18 से 60 साल के व्यक्ति व्यक्ति रक्तदान कर सकते हैं। वजन 45 किलो से अधिक होना चाहिए। हृदय रोग संबंधित किसी प्रकार की बीमारी न हो। व्यक्ति इंसुलिन न लेता हो।
रक्तदान के फायदे
दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है। कैंसर होने का खतरा कम रहता है। वजन कंट्रोल करने में मददगार। नियमित रक्तदान करने से आयरन की मात्रा संतुलित रहती है। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है। इससे ज्यादा कैलोरी और वसा बर्न होता है और पूरे शरीर को फिट रखता है। रक्तदान करने से शरीर में नई कोशिकाओं का सृजन होता है।
खून न तो बाजार में बिकता है और न ही बनता है। यह ब्लड बैंक को लोगों के रक्तदान से मिलता है, जिससे विषम परिस्थितियों में जरूरतमंदों की जान बचती है। रक्तदान करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है। इसलिए जरूरतमंदों की जान बचाने के लिए हर स्वस्थ व्यक्ति को आगे आकर रक्तदान अवश्य करना चाहिए।
– डॉ. सीएस सिंह, प्रभारी सीएमएस जिला अस्पताल