Health – कोरोना से मृतक लोगों के बच्चों को सरकार देगी लैपटॉप

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लखीमपुर खीरी। कोरोना संक्रमण में मरे लोगों के बच्चों के लिए प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से अब तक 32 बच्चे लाभान्वित किए जा चुके हैं जबकि 30 अन्य आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं। 15 आवेदन अभी तक लंबित हैं। 32 लाभार्थी बच्चों के खातों में पहली किस्त भेजी जा चुकी है और दूसरी किस्त भेजने की तैयारी है। इसके साथ ही कक्षा नौ से इंटरमीडिएट तक की कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों को लैपटॉप वितरित करने की तैयारी है।
कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए शुरू की गई इस कल्याणकारी योजना के शुरूआती दौर में तो काफी तेजी दिखाई दी लेकिन बाद में तहसील से रिपोर्ट लगने आय और आवास प्रमाणपत्र आदि बनने में देरी होने के चलते आवेदनों के स्वीकृत में देरी हो रही है। यही कारण है 30 आवेदनों के स्वीकृत होने में दो माह से अधिक का समय लग गया। ऐसी स्थिति में जिन बच्चों के आवेदन अभी तक लंबित हैं उन्हें लैपटॉप मिलने में दिक्कत आ सकती है। कई आवेदक अभी तक प्रोबेशन कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं उनके आवेदनों पर अभी तक कार्रवाई भी शुरू नहीं हो पाई है।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत ऐसे बच्चों जिनके माता पिता दोनों या दानों में से एक की मौत एक मार्च 2020 के बाद कोरोना संक्रमण से हुई है और जिनकी आय तीन लाख रुपये से कम है उन्हें भरण पोषण और शिक्षा के लिए 4000 रुपया प्रतिमाह की दर से सरकार दे रही है बशर्ते बच्चा किसी मान्यता प्राप्त स्कूल में पढ़ रहा हो। यह धनराशि त्रैमासिक दी जाएगी। यहीं नहीं इस योजना में आने वाली बालिकाओं की शादी के लिए भी सरकार एक लाख एक हजार रुपये की धनराशि उपलब्ध कराएगी। इसके लिए शादी के तीन महीने पहले आवेदन करना होगा।
इसके अलावा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य भी शुरू की गई है जिसमें 23 वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चे शामिल किए जा रहे हैं जिनके माता पिता या माता पिता में से किसी एक की बीमारी, दुर्घटना या अन्य किसी कारण से मौत हो गई है। ऐसे बच्चों को 23 वर्ष तक 2500 रुपया प्रतिमाह की सहायता की जाएगी। यहीं नहीं 23 वर्ष की उम्र पूरी करने और कक्षा 12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा में लाभ दिया जाएगा। अभी इस योजना के लाभार्थियों के आवेदन लिए जा रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में 11659 लाभार्थी चयनित किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत छह किस्तों में 15 हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी।
जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय निगम ने बताया कि अनाथ हुए बच्चों और बेटियों के कल्याण के लिए सरकार की चलाई जा रही योजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। औपचारिकताएं पूरी करने में देरी हो सकती है लेकिन प्रयास है कि कोई भी पात्र लाभ से वंचित न रहे।

लखीमपुर खीरी। कोरोना संक्रमण में मरे लोगों के बच्चों के लिए प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से अब तक 32 बच्चे लाभान्वित किए जा चुके हैं जबकि 30 अन्य आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं। 15 आवेदन अभी तक लंबित हैं। 32 लाभार्थी बच्चों के खातों में पहली किस्त भेजी जा चुकी है और दूसरी किस्त भेजने की तैयारी है। इसके साथ ही कक्षा नौ से इंटरमीडिएट तक की कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों को लैपटॉप वितरित करने की तैयारी है।

कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए शुरू की गई इस कल्याणकारी योजना के शुरूआती दौर में तो काफी तेजी दिखाई दी लेकिन बाद में तहसील से रिपोर्ट लगने आय और आवास प्रमाणपत्र आदि बनने में देरी होने के चलते आवेदनों के स्वीकृत में देरी हो रही है। यही कारण है 30 आवेदनों के स्वीकृत होने में दो माह से अधिक का समय लग गया। ऐसी स्थिति में जिन बच्चों के आवेदन अभी तक लंबित हैं उन्हें लैपटॉप मिलने में दिक्कत आ सकती है। कई आवेदक अभी तक प्रोबेशन कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं उनके आवेदनों पर अभी तक कार्रवाई भी शुरू नहीं हो पाई है।

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत ऐसे बच्चों जिनके माता पिता दोनों या दानों में से एक की मौत एक मार्च 2020 के बाद कोरोना संक्रमण से हुई है और जिनकी आय तीन लाख रुपये से कम है उन्हें भरण पोषण और शिक्षा के लिए 4000 रुपया प्रतिमाह की दर से सरकार दे रही है बशर्ते बच्चा किसी मान्यता प्राप्त स्कूल में पढ़ रहा हो। यह धनराशि त्रैमासिक दी जाएगी। यहीं नहीं इस योजना में आने वाली बालिकाओं की शादी के लिए भी सरकार एक लाख एक हजार रुपये की धनराशि उपलब्ध कराएगी। इसके लिए शादी के तीन महीने पहले आवेदन करना होगा।

इसके अलावा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य भी शुरू की गई है जिसमें 23 वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चे शामिल किए जा रहे हैं जिनके माता पिता या माता पिता में से किसी एक की बीमारी, दुर्घटना या अन्य किसी कारण से मौत हो गई है। ऐसे बच्चों को 23 वर्ष तक 2500 रुपया प्रतिमाह की सहायता की जाएगी। यहीं नहीं 23 वर्ष की उम्र पूरी करने और कक्षा 12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा में लाभ दिया जाएगा। अभी इस योजना के लाभार्थियों के आवेदन लिए जा रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में 11659 लाभार्थी चयनित किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत छह किस्तों में 15 हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी।

जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय निगम ने बताया कि अनाथ हुए बच्चों और बेटियों के कल्याण के लिए सरकार की चलाई जा रही योजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। औपचारिकताएं पूरी करने में देरी हो सकती है लेकिन प्रयास है कि कोई भी पात्र लाभ से वंचित न रहे।