Publish Date: | Sat, 02 Oct 2021 01:59 PM (IST)
Gwalior Art Culture News: चेतना राठाैर, ग्वालियर नईदुनिया। कोरोना की वजह से दो साल से विश्वकर्मा अवॉर्ड कार्यक्रम नहीं हुआ था। अब काेविड का खतरा कम हुआ ताे अवॉर्ड कार्यक्रम आयाेजित किया जा रहा है। इसमें कलाकारों को अपने हुनर के लिए विश्वकर्मा अवॉर्ड से नावाजा जाएगा। जिसके लिए शहर में कलाकाराें ने तैयारियां शुरू कर दी है। मूर्तिकार,शिल्पकारों और पेंटिंग कलाकारों ने तैयार कलाकृतियों को हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम ग्वालियर केंद्र में जमा करा दिया है। अब सभी कलाकृतियां जल्द ही भोपाल भेजी जाएंगी। प्रभारी डीसी तिवारी ने बताया कि पहली बार शहर के एक कलाकार ने टेराकोटा आर्ट का उपयोग कर बौद्ध भिक्षु की प्रतिमा बनाई है। सभी कलाकारों ने विशेष थीम का चयन कर उस पर कार्य किया है।
टेराकोटा के बौद्ध भुक्षु की प्रतिमा बनाईः गौरव कुलश्रेष्ठ ने टेराकोटा में बौद्ध भिक्षु की प्रतिमा बनाई है। उनके पास पेड़ और भिक्षु को दिखाया गया है। इसमें तपस्या व प्रार्थना दिखाने का प्रयास किया गया है। इसके लिए उन्होंने डेढ़ माह पहले काम शुरू किया था, जो अब पूरा हुआ है। प्रतिमा काे केंद्र में जमा करा दिया गया है। अब पुरुस्कार की घोषणा का इंतजार है।
मधुवनी पेंटिंग में दिखाई पाैराणिक कथाः अमिता शर्मा ने मधुबनी पेंटिंग तैयार की है। महाभारत पर आधारित इस पेंटिंग में समर्पण भाव दिखाया गया है। मधुबनी पेंटिंग पौराणिक कथाओं पर आधारित है। जिसे पोस्टर और एक्रलिक कलर में बनाया है।
3 फीट की श्रीराम की प्रतिमाः मूर्तिकार गजराज किशाेर ने लकड़ी पर श्रीराम की मूर्ति बनाई है। 3 फीट ऊंची और पौने 2 फीट चौड़ी इस मूर्ति का वजन 50 किलो है। इस मूर्ति में भगवान राम धनुष धारण कर विहार करते नजर आ रहे हैं।
आकृति में बालश्रमः लकड़ी के स्कल्पचर पर कार्तिकेय ने ग्रामीण परिवेश का बालश्रम दिखाया है। 10 किलो वजन के स्कल्पचर में उन्होंने ग्रामीणों की समस्या जैसे शिक्षा,नौकरी,भोजन आदि को दिखाया गया है।
कलाकार का संघर्षः नानक माहौर ने अपनी पेटिंग के जरिए बताया है कि कलाकार का जीवन बेहद संघर्षों से भरा होता है। आर्थिक तंगी की वजह से पूरा परिवार संघर्ष करता है। पेंटिंग में चूल्हे पर खाना पकाती महिला दिखाई गई है।
Posted By: vikash.pandey

