elon musk satellite internet: Musk and Bezos set to offer Satellite based broadband in India : मस्क और बेजोस भारत में सैटेलाइट आधारित इंटरनेट लाने के लिए हैं तैयार

Satellite Based Internet In India: एक वक्त था जब भारत में इंटरनेट बहुत महंगा था, लेकिन 5 सितंबर 2016 के बाद सब कुछ बदल गया। रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने बाजार में एंट्री मारी और इंटरनेट डेटा कौड़ियों के भाव बांटना शुरू कर दिया। देखते ही देखते बाकी कंपनियों को भी अपने प्लान सस्ते करने पड़े। बेहद कम पैसों में अधिक डेटा देना मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो के लिए इसलिए संभव हुआ, क्योंकि उन्होंने लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल किया। रिलायंस जियो के बेहद सस्ते डेटा प्लान्स की वजह से कई छोटी टेलिकॉम कंपनियां बंद हो गई और कुछ मर्ज हो गईं। अभी बाजार में सिर्फ जियो और एयरटेल (Airtel) के ही बीच टक्कर है, वोडाफोन-आइडिया (Vodafone Idea) तो हासिए पर पहुंच गया है।

मस्क-बेजोस बढ़ाएंगे अंबानी-मित्तल की टेंशन

बात अगर सिर्फ इंटरनेट की करें तो इतिहास फिर से दोहरा सकता है। जैसे मुकेश अंबानी के जियो ने तमाम टेलिकॉम कंपनियों का पत्ता काट दिया, वैसे ही जियो और एयरटेल पर एलन मस्क और जेफ बेजोस के इरादे खतरे की तलवार लटकाए खड़े हैं। दोनों ही भारत में सैटेलाइट आधारित इंटरनेट कनेक्टिविटी की तकनीक लाना चाह रहे हैं, जिसके लिए दोनों ने सरकार को तमाम इंटरनेट प्लान के ऑफर भी भेज दिए हैं। जैसे जियो ने लेटेस्ट तकनीक से बाकी सबका पत्ता काट दिया, अब मस्क और बेजोस भी वैसे ही इरादों के साथ एक नई तकनीक लेकर आ रहे हैं।

कहां तक पहुंची है मस्क-बेजोस की बातचीत?

सूत्रों की मानें तो एलन मस्क का सैटेलाइट इंटरनेट वेंचर स्टारलिंक और ऐमजॉन ने अलग-अलग टेलिकॉम मंत्रालय से बात की है। साथ ही स्पेस डिपार्टमेंट से भी बात की है, ताकि भारत में इंटरनेट देने का प्लान आगे बढ़ाया जा सके। हालांकि, अभी एक फॉर्मल रूट के जरिए लाइसेंस लेना अभी भी बाकी है। टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने भी बातचीत की बात को स्वीकार है और कहा है कि उन्हें दोनों कंपनियों की तरफ से लाइसेंस के लिए अप्लाई किए जाने का इंतजार है।

एयरटेल भी लाने वाला है सैटेलाइट इंटरनेट

मौजूदा समय में सुनील मित्तल की भारती ग्लोबल और यूके सरकार के पार्टनरशिप वाले OneWeb ने इस बात की घोषणा की हुई है कि वह अगले साल सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सुविधा लॉन्च कर देगी। OneWeb को टेलिकॉम विभाग की तरफ से नेशनल लॉन्ग डिस्टेंस (NLD) लाइसेंस भी मिल चुका है। मस्क और बेजोस की प्लानिंग धरती के लो ऑर्बिट में यानी करीब 1000 किलोमीटर की दूरी पर सैटेलाइट लगाकर लगभग 1 जीबीपीएस की स्पीड देने की तैयारी है। यह कंपनियां शुरुआत में बिजनस एंटरप्राइज, रेलवे, शिपिंग कंपनियों, डिफेंस इस्टेबलिशमेंट, एयरलाइंस और टेलिकॉम कंपनियों को इंटरनेट देंगी, यानी जियो और एयरटेल को सीधी टक्कर मिलेगी।

मुश्किल इलाकों तक पहुंचेगा इंटरनेट

सैटेलाइट आधारित इंटरनेट का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि इसके जरिए उन ग्रामीण इलाकों में भी पहुंच बनाई जा सकेगी, जहां पर इंटरनेट नहीं पहुंच सका है। साथ ही पहाड़ों, जंगलों, रेगिस्तान या नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाना आसान हो जाएगा। मस्क ने तो सार्वजनिक रूप से यह कह दिया है कि वह अपने स्टारलिंक प्रोजेक्ट को भारत में लाने के लिए बहुत ही उत्साहित हैं। ट्विटर पर मस्क ने एक यूजर को दिए जवाब में कहा है कि वह अभी रेगुलेटरी अप्रूवल प्रोसेस का इंतजार कर रहे हैं।

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