14 मिनट पहले
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आंखें कुदरत का ऐसा नायाब तोहफा हैं, जिनकी वजह से हम अपने आस-पास के खूबसूरत-रंगीन नजारे देख पाते हैं। इस डिजिटल दुनिया में कम्प्यूटर, टीवी, लैपटॉप और मोबाइल पर लगातार टिकी आंखें भी थकने लगती हैं। ऐसे में अक्सर आंखों में जलन, खुजली, ड्राईनेस का एहसास होता है। वहीं, जो लोग बार-बार कॉन्टैक्ट-लेंस का इस्तेमाल करते हैं वे भी इन समस्याओं को अनेदेखा कर देते हैं, लेकिन आपकी ये लापरवाही परेशानी में डाल सकती है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सहाना मजूमदार बताती हैं कि ड्राई आई सिंड्रोम बीमारी एक आम स्वास्थ्य के मुद्दों में से एक है। कंप्यूटर या फोन स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने की वजह से आपको ड्राई आई की समस्या होने लगती है। इसके लिए आंखों की ड्राइनेस को खत्म करना जरूरी है, क्योंकि ये आंखों में पानी सूखने के कारण होने वाली ड्राइनेस है।
क्यों होती हैं आई ड्राईनेस?
आंखों के ड्राई होने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें विटामिन सी की कमी, एलर्जी की समस्या से ग्रसित होने पर, थॉयरायड, लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करने, ज्यादा समय तक टीवी देखने और ज्यादा पॉल्यूशन शामिल है। वहीं, जब टीयर ग्लैंड पर्याप्त मात्रा में आंसू का उत्पादन नहीं करते हैं तो आपको ड्राई आईज की प्रॉब्लम होती है, क्योंकि आंसू ही आईबॉल को गीला करने का काम करते हैं। कई बार आंखों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाना वाला आई मेकअप भी ड्राई आइज का कारण बन जाता है।
ये हैं ड्राई आइज़ के सामान्य लक्षण
- आंखों में सूखेपन के साथ जलन और खुजली होना।
- आंखों का लाल होना।
- आंखें और भी ज्यादा सेंसिटिव हो जाना।
- आंखों का धुंधलापन।
- आंखों का सिकुड़ कर छोटा हो जाना।
- आंखों में थकान व सूजन।

ड्राई आई सिंड्रोम से ऐसे करें बचाव
- आंखों को ज्यादा गर्म या ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचाएं।
- हेयर ड्रायर, एयर कंडीशनर और हीटर से निकलने वाली गर्म हवा से आंखों को बचाएं।
- इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल करते हुए कुछ वक्त के लिए आंखों को आराम दें।
- पलकों और उसके आस-पास के एरिया को रोजाना साफ करें।
- आंखों के लिए योगासन करें।
- प्रोटेक्टिव सनग्लास लगाकर धूप में निकले।
- स्मोकिंग से दूर रहें।
- डॉक्टर से संपर्क कर आई ड्रॉप लेना न भूलें।
- ताजा फल, सब्जियां, साबुत अनाज और नट्स का सेवन करें।
- डाइट में बादाम, केला, किशमिश, अंजीर और एवोकाडो शामिल करें।
- सैल्मन, टूना, सार्डिन, ट्राउट, मैकेरल आदि मछलियों का सेवन करें।
- हमेशा हाइड्रेटेड रहें।