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- Demand For Maa Durga Idols In Kolkata’s Kumhartoli Reaches Pre covid Level, But The Price Is 30% Less Than 2019
कोलकाता2 घंटे पहलेलेखक: कुंदन कुमार चौधरी/संदीप नाग
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दुर्गा पूजा के लिए इस बार 8 से 20 फीट तक की मूर्तियों की डिमांड।
पुराने कोलकाता के शोभा बाजार से 5 मिनट पैदल चलते ही कुम्हारटोली की संकरी गलियां शुरू हो जाती हैं। भूलभुलैया रास्तों में घुसते ही चारों ओर मां दुर्गा की मूर्तियां बनाते कलाकार दिख जाते हैं। कलाकार गुलाब तूफान के कारण तेज बारिश एवं हवा से मूर्तियों को प्लास्टिक से बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
इस बार समय कम है और ऑर्डर भरपूर हैं। पिछले साल लॉकडाउन के कारण आधी मूर्तियां भी नहीं बिकी थीं। इस साल 2019 जैसी मांग है। कुम्हारटोली मृर्ति शिल्प संस्कृति समिति के सेक्रेटरी बाबू पाल कहते हैं कि पिछले साल जो बड़ी मूर्तियां नहीं बिक पाई थीं, इस बार उनकी भी बुकिंग हो गई। लेकिन कीमत 30% तक कम है। यहां 3 फीट की भी मूर्तियां बन रही हैं, लेकिन मांग 8 से 20 फीट तक की ज्यादा है।
कोलकाता के अलावा देशभर के बड़े शहरों के पांडालों की मूर्तियां यहीं से जाती हैं। क्रिएटिविटी के लिए मशहूर सोमेन पाल 1998 से मूर्तियां बना रहे हैं। इस बार उन्होंने ममता दीदी और सोनू सूद की खास मूर्ति डिजाइन की है। कहते हैं कि दीदी की मूर्ति ममतामयी तो सोनू सूद की मसीहा छवि वाली बनाई है।
इनके दो अलग जगहों से ऑर्डर मिले हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल तो लागत ही नहीं निकल पाई थी। इस बार मांग तो है लेकिन कीमत कम है। 2019 में 1 लाख रु. से 3.5 लाख रु. तक की मूर्ति बेची थी, इस बार 60 हजार से 1.20 लाख रु. तक की मूर्तियों की ही बुिकंग है। मूर्ति खरीदने आए शोभा बाजार के सुभाष बनर्जी ने बताया कि इस बार पूजा धूमधाम से मना रहे हैं।
डायमंड हार्बर से आती है मूर्तियों के लिए मिट्टी
संजय पाल ने बताया कि मूर्ति के लिए विशेष एटेल (दोमट) मिट्टी लगती है। सबसे अच्छी मिट्टी खड़गपुर के पास उलबेलिया की मानी जाती है। डायमंड हार्बर से भी मिट्टी आती है। मुंह दो-तीन तरह की मिट्टी मिक्स कर बनता है। पहले वेश्यालय से मिट्टी लाकर प्रतिमा गढ़ी जाती थी, लेकिन अब 300 परिवार बहुत सारी मूर्तियां बनाते हैं तो यह परंपरा टूट गई।
सबसे बड़ी और महंगी मूर्ति ब्रिटेन मंगवाते हैं लक्ष्मी मित्तल
यहां की मूर्तियां अमेरिका, ब्रिटेन, रूस सहित कई देशों में सप्लाई होती हैं। मूर्तिकार प्रद्युत पाल कहते हैं कि मिट्टी की मूर्तियां टूट जाती थीं, 2004 से फाइबर की मूर्ति विदेश भेजना शुरू किया। हवाई जहाज से 8 फीट और शिप से 11 फीट तक की मूर्तियां जाती हैं। कोलकाता से मूर्ति अमेरिका 45, सिंगापुर 5-6, यूके 15-20 दिन में पहुंच जाती है। स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल सबसे बड़ी और महंगी मूर्ति ब्रिटेन मंगवाते हैं। इसका शिपिंग चार्ज ही 2 लाख तक है।