शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Temple, सरकार द्वारा अधिग्रहित मंदिरों के अध्यक्ष केवल हिंदू जिला उपायुक्त होंगे। दूसरे धर्म के मुस्लिम, इसाई, पारसी सहित अन्य आइएएस, आइपीएस व अन्य सेवाओं के अधिकारी मंदिर अध्यक्ष नहीं होंगे। यदि किसी जिला में कोई जिला उपायुक्त हिंदू धर्म को छोड़कर दूसरे धर्म से है तो उसकी जगह अतिरिक्त जिला उपायुक्त मंदिर का अध्यक्ष होगा। यदि अतिरिक्त जिला उपायुक्त भी गैर हिंदू है तो साथ लगते जिला का उपायुक्त मंदिर न्यास का अध्यक्ष नियुक्त होगा। प्रदेश सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के तहत सरकारी अधिग्रहित मंदिरों में हर स्तर पर सेवारत कर्मचारी केवल हिंदू होगा।
इस अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि भविष्य में मंदिरों का चढ़ावा हिंदू धर्म के अलावा अन्य किसी भी धर्म के लोगों पर खर्च नहीं होगा। सरकार के भाषा कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्था और पूर्त विन्यास अधिनियम-1984 की धारा 27 के तहत मंदिर प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को आदेश जारी किए गए हैं।
2018 में हुआ संशोधन
सरकार ने 1984 के अधिनियम में 2018 में संशोधन किया था। जिसके तहत नए नियम सरकार को प्रस्तावित किए हैं। जिसके तहत मंदिर की नकदी, सोना-चांदी दूसरे कामों पर खर्च नहीं होगा। इस धन और सोना-चांदी का उपयोग केवल हिंदुओं के कल्याण पर होगा।
न्यास के स्कूल, महाविद्यालय पर खर्च
सरकार द्वारा अधिग्रहित मंदिरों के तहत संचालित होने वाले स्कूल, महाविद्यालय, स्वास्थ्य संस्थानों और धर्म के प्रचार पर होने वाला पूरा खर्च मंदिर न्यास ही उठाता रहेगा। हिंदुओं के सोलह संस्कार न्यास के धन से ही होंगे, प्रदेश सरकार इसके लिए बजट नहीं देगी।