
फाइल फोटोः मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय और उनके बेटे सयानदेव. मतदान करते जारी की गई तस्वीर.
सोशल मीडिया में जारी वीडियो में देखा जा सकता है कि वह किस प्रत्याशी को वोट कर रहे हैं. चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, कैमरे या मोबाइल फोन को मतदान केंद्रों पर नहीं ले जाया जा सकता है.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय के बेटे सयानदेब चट्टोपाध्याय (Syandeb Chattopadhyay) ने भवानीपुर उपचुनाव (Bhawanipur Bypoll) में वोट डालने के दौरान का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर एक बड़े विवाद में फंस गए. इस दिन वह भवानीपुर में मतदान करने गए थे, लेकिन उनका वोटिंग का एक वीडियो उनके सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट किया गया. इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है. चुनाव आयोग ने इस बाबत रिपोर्ट तलब की है.
सोशल मीडिया में जारी वीडियो में देखा जा सकता है कि वह किस प्रत्याशी को वोट कर रहे हैं. चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, कैमरे या मोबाइल फोन को मतदान केंद्रों पर नहीं ले जाया जा सकता है. क्योंकि यह कहना संभव नहीं है कि कौन किसे वोट दे रहा है. इस मामले में बीजेपी ने आरोप लगाया है कि मंत्री के बेटे ने सभी नियमों का उल्लंघन किया है.
सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई वोट देने की तस्वीर
सायन देब चट्टोपाध्याय ने हालांकि अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने दावा किया कि किसी ने सोशल मीडिया पर उनकी वोटिंग की तस्वीर प्रकाशित की. हालांकि, बीजेपी ने चुनाव नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए आयोग से संपर्क करने का फैसला किया है. चुनाव जो भी हो, किसे वोट दे रहा है, इसे पूरी तरह से गुप्त रखा जाता है. ईवीएम में वोट करने के बाद किसने वोट किया, इसका कोई सबूत नहीं होता है, लेकिन बीजेपी का आरोप है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भवानीपुर सीट से जीतने वाले शोभनदेब चट्टोपाध्याय के बेटे ने जो किया, उससे चुनाव नियमों का उल्लंघन हुआ है. बीजेपी ने सायन देब के प्रोफाइल से पोस्ट किए गए वीडियो को लेकर आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. राज्य के एक मंत्री का बेटा ऐसा कैसे कर सकता है, इस पर सवाल उठाते हुए बीजेपी ने सायन देब को सजा देने की मांग की है.
मंत्री के बेटे ने आरोप से किया इनकार
इस बारे में सायन देब से संपर्क करने पर उन्होंने आरोपों से पूरी तरह इनकार किया. उन्होंने कहा, “मैं खुद हैरान हूं. क्योंकि मैं काफी समय से मतदान कर रहा हूं. मैं नियम जानता हूं. जहां मतदान होता है, आप फोन लेकर नहीं जा सकते. वोट देने के लिए बाहर जाने के कुछ ही समय बाद एक फोन आया, जिसमें कहा गया था कि मेरे सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया गया है. मैं इसे खोला तो देखा और देखते ही उसे दिया गया है. बाद में मुझे इस बारे में मीडिया से पता चला.”
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