
सुरक्षा में तैनात अमले को घटाने का निर्देश
आपको बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपनी सुरक्षा में 1000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती पर सवाल उठाए थे। उन्होंने सोमवार को डीजीपी को लिखित आदेश जारी कर कहा कि 20 सितंबर को बतौर मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण के बाद मैंने अपनी सुरक्षा में तैनात अमले को घटाने का निर्देश डीजीपी को दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने 22 सितंबर को फिर से डीजीपी को पत्र लिखकर अपना निर्देश दोहराया लेकिन डीजीपी की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सीएम चन्नी ने फिर से लिखे पत्र में कहा, मैं अब मौजूदा पुलिस प्रमुख को आदेश देता हूं कि मेरी सुरक्षा में तैनात अमले को कम करने की तुरंत कार्रवाई करें।

आम लोगों के लिए ही काम करेंगे- चन्नी
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने दफ़्तर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वह आम आदमी के नुमाइंदे हैं और आम लोगों के लिए ही काम करेंगे। हद से ज्यादा सुरक्षा की उन्हें जरूरत नहीं है, जो उनके और आम लोगों के बीच रुकावट बने। वहीं उन्होंने वीआईपी कल्चर पर लगाम लगाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि अपने कैबिनेट बैठक में मंत्रियों को कम से कम सुरक्षा कर्मियों के साथ चलने के लिए कहा था वह अपनी सुरक्षा में पहले ही कटौती कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम न सिर्फ अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों के लिए मददगार साबित होगा बल्कि इस बाबत आम लोगों को होने रही बिना वजह परेशानियों से भी निजात मिलेगी।

पारदर्शी और कुशल शासन देने की पहल
मुख्यमंत्री चरणजती सिंह चन्नी ने कहा कि सरपंचों, पार्षदों आदि निर्वाचित प्रतिनिधियों की विभागों में एंट्री को आसान बनाने के लिए भी बैठक में फैसला लिया। इस बाबत संबंधित डिप्टी कमिश्नर/एसडीएम कार्यालय से एंट्री कार्ड जारी किए जाएंगे। कार्ड धारकों को चंडीगढ़ स्थित दोनों सिविल सचिवालयों समेत राज्य के सरकारी कार्यालयों में बिना रोकटोक जाने की इजाज़त होगी। वहीं सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने लोगों को पारदर्शी और कुशल शासन देने के लिए अपनी क़ाबिल्यत और योग्यता के मुताबिक काम करने के लिए कहा है। ताकि आम आदमी के बीच भरोसा पैदा किया जा सके। उन्होंने कहा कि अब और ज़्यादा देर तक काम करना होगा जिससे लोगों को अच्छा शासन देने में उनकी उम्मीदों पर खड़ा उतरा जा सके। साथ ही उन्होंने सभी मंत्रियों को पूरी लगन और ईमानदारी के साथ डटकर काम करने का आग्रह किया ताकि सरकार के अक्स को सुधारा जा सके। ख़ासकर ज़मीनी स्तर तक आम लोगों की उम्मीदों की पूर्ति की जा सके।