
स्टुअर्ट क्लार्क ने ऑस्ट्रेलिया के लिए तीनों फॉर्मेट में मिलाकर कुल 160 विकेट हासिल किए.
इस तेज गेंदबाज ने 30 साल की उम्र में अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया, लेकिन लगातार चोट की वजह से कभी भी प्लेइंग इलेवन में नियमित स्थान हासिल नहीं कर सका.
ऑस्ट्रेलियाई जमीन से क्रिकेट जगत को कई बेहतरीन तेज गेंदबाज मिले हैं, जिन्हें पूरी दुनिया में पहचान मिली है. जैफ थॉम्पसन, डेनिस लिली, रे लिंडवेल, ग्लेन मैक्ग्रा जैसे धुरंधरों ने दुनियाभर के बल्लेबाजों में पूरे करियर खौफ बनाए रखा. लेकिन कई गेंदबाज ऐसे भी रहे, जो रफ्तार या धार के मामले में इन दिग्गजों के स्तर पर नहीं थे, लेकिन वे भी बल्लेबाजों के लिए सिरदर्द बने रहे. ऐसे ही एक गेंदबाज हैं- स्टुअर्ट क्लार्क (Stuart Clark), जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट, वनडे और टी20 क्रिकेट में अपना दम दिखाया. आज स्टुअर्ट क्लार्क की बात इसलिए कर हैं, क्योंकि आज इस पूर्व मीडियम पेसर का जन्मदिन है. क्लार्क 2005 से 2009 के बीच ऑस्ट्रेलियाई टीम के सदस्य थे.
स्टुअर्ट क्लार्क का जन्म28 सितंबर 1975 को ऑस्ट्रेलियाई प्रांत न्यू साउथ वेल्स के सदरलैंड में हुआ था. क्लार्क के माता-पिता एंग्लो-इंडियन समुदाय से हैं. उनके पिता ब्रूस चेन्नई के रहने वाले थे, जबकि मां मैरी कर्नाटक के कोलार गोल्ड फील्ड इलाके की रहने वाली थीं. स्टुअर्ट क्लार्क ने 22 साल की उम्र में न्यू साउथ वेल्स के लिए अपने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत की थी. हालांकि, क्रिकेट करियर शुरू करने से पहले स्टुअर्ट की राह कुछ अलग थी.
5 साल तक रियल एस्टेट एजेंट
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में अपना नाम लिखवाने से पहले स्टुअर्ट क्लार्क न्यू साउथ वेल्स में ही रियल एस्टेट एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे. करीब 5 साल तक वह इस काम में लगे रहे और फिर उन्होंने क्रिकेट को अपना करियर बनाने की ठानी, जहां उन्हें धीरे-धीरे सफलता मिलती गई. हालांकि, इसके लिए क्लार्क को लंबा इंतजार भी करना पड़ा. करीब 8 साल तक फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपनी एड़ियां घिसने के बाद 2005 में स्टुअर्ट क्लार्क को पहली बार वनडे क्रिकेट में मौका मिला. उन्होंने दिसंब 2005 में ऑस्ट्रेलिया की ओर से विश्व क्रिकेट इलेवन के खिलाफ डेब्यू किया. वहीं मार्च 2006 में उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया.
कॉमर्स से कानून तक
सिर्फ क्रिकेट ही नहीं, बल्कि स्टुअर्ट क्लार्क ने पढ़ाई के मामले में भी खुद को पीछे नहीं होने दिया. कॉमर्स में मास्टर्स की डिग्री लेने के बाद स्टुअर्ट क्लार्क ने फाइनेंस में भी डिग्री हासिल की. वह सिर्फ यहीं नहीं रुके, बल्कि 2009 में अंतरराष्ट्रीय करियर रुकने के बाद स्टुअर्ट क्लार्क ने कानून की पढ़ाई भी की. वह सिडनी यूनिवर्सिटी में दाखिल हुए और वहां कानून की डिग्री हासिल की.
ऐसा रहा स्टुअर्ट क्लार्क का करियर
2005 में 30 साल की उम्र में डेब्यू करने वाले स्टुअर्ट क्लार्क अपनी मीडियम पेस और कसी हुई लेंथ के लिए मशहूर थे. उन्होंने एशेज से लेकर भारत और साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में जबरदस्त प्रदर्शन किया. उन्होंने दिग्गज बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया. हालांकि, उन्हें अपने पूरे करियर में कई तरह की चोटों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण वह कभी भी नियमित तौर पर ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा नहीं बन सके. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 24 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 23.86 के औसत से 94 विकेट झटके. वहीं 39 टेस्ट मैचों में 53 और 9 टी20 मैचों में 13 विकेट हासिल किए.
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