
उन्होंने कहा, मंत्रालय ने ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री के लिए एक महत्वाकांक्षी निर्यात और रोजगार लक्ष्य निर्धारित किया है और अगले 5 वर्षों में अपने निर्यात को दोगुना करके 30 अरब डॉलर करने और 2025 तक उद्योग में रोजगार को 50 लाख से बढ़ाकर 75 लाख करने का लक्ष्य रखा है।

क्या है PLI स्कीम
देश-विदेश की तमाम कंपनियों को भारत में सामान बनाने के लिए आकर्षित करने के हिसाब से सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की शुरुआत की है. पीएलआई स्कीम के तहत केंद्र सरकार अगले पांच साल के दौरान भारत में सामान बनाने वाली कंपनियों को 1.46 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन देने जा रही है।

घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने और आयात में कटौती करने के लिए केंद्र सरकार ने पीएलआई योजना (PLI Scheme) को शुरू किया है। इसका उद्देश्य घरेलू इकाइयों में निर्मित उत्पाद पर कंपनियों को प्रोत्साहन देना है। सरकार ने ऑटो उद्योग को विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल और सेमीकंडक्टर कंपोनेंट के चीनी आयात निर्भरता को स्थानीय बनाने और कम करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

नीति आयोग के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) अमिताभ कांत ने कहा है कि वर्तमान में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पूरी तरह घरेलू बाजार पर निर्भर नहीं है। भारत में बनाने वाली गाड़ियों के कई उपकरण चीन से मंगाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में भारत को इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनाने के लिए चीन पर निर्भरता कम करनी होगी।

कांत ने कहा कि अगले दो साल के दौरान बैटरियों के दाम और नीचे आएंगे। इससे उपभोक्ताओं के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के अधिग्रहण की लागत कम होगी। उन्होंने कहा, नीति आयोग में हम वाहन क्षेत्र में इनोवेशन, एफिशिएंसी और निवेश को प्रोत्साहन के लिए सभी उपाय कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इससे विशेषरूप से उपभोक्ताओं के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए शुरुआती लागत कम होगी। मैं इलेक्ट्रिक वाहनों पर इसलिए जोर दे रहा हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहन भविष्य में परिवहन के मायनों को बदल देंगे।